भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

जमाने से कह दो जवानी में आये / अवधेश्वर प्रसाद सिंह

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

जमाने से कह दो जवानी में आये।
शहीदों की गाथा कहानी में आये।।

दिलाया आजादी गुलामी से मुझको।
सपूतों की अरमा निशानी में आये।।

फिरंगी को जिसने भगाय था यारो।
तसल्ली भी थोड़ी दिवानी में आये।।

पढ़ेगें जो उनको करेगें वह सब भी।
युवाओं के दिल भी रवानी में आये।।

मिलेगी ये ऊर्जा जवानों को जब भी।
उड़ायेंगे छक्के तूफानी में आये।।

कहूँ मैं यह किसको सभी तो है काबिल।
समझ थोड़ी-सी राजधानी में आये।।