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जमुना किनारे कदम गाछं आ आरो कदम गाछं रे / मैथिली

   ♦   रचनाकार: अज्ञात

जमुना किनारे कदम गाछं आ आरो कदम गाछं रे
ललना रे ताही तर कृष्ण मुरारी गेन्द खेल्थिन रे
गेन्द खेलैत कृष्ण चुकल आ यारो चुकी गेल रे
गेन्द खस्ल जमुना धार कि कृष्ण उल्टी ताक्थिन रे
जानु कृष्ण जाही जमुना धार आ आरो जमुना दह रे
ललना रे ओही ठाम नाग नगिनिया कि तोहे डसी खायत रे
नवकुश लय नाग नाथब फुलसेस जायब रे
ललना रे ताही चढि उतरब पार कि गोकुला बसायब रे
जमुना किनारे कदम गाछं आ आरो कदम गाछं रे
ललना रे ताही तर कृष्ण गेन्द खेल्थिन मुरली बजवथिन रे