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जयतू श्रीकृष्ण श्रीकृष्ण मुरारी शंखचक्र गदा पद्मधारी / काजी नज़रुल इस्लाम
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जयतू श्रीकृष्ण श्रीकृष्ण मुरारी शंखचक्र गदा पद्मधारी।
गोपाल गोविन्द मुकुन्द नारायण परमेश्वर प्रभू विश्व-बिहारी।।
सूर नर योगी ऋषि वही नाम गावे,
संसार दुख शोक सब भूल जावे,
ब्रह्मा महेश्वर आनन्द पावे गावत अनन्त ग्रह-नभचारी।।
जनम लेके सब आया ये धराधाम
रोते रोते मैं प्रथम लिया वो नाम।
जाउंगा छोड़ मैं इस संसार को सुनकर कानों में भयहारी।।