Last modified on 27 जनवरी 2015, at 13:49

जय-जय शीतला माई की जय-जय बोलो / बुन्देली

   ♦   रचनाकार: अज्ञात

जय-जय शीतला माई की जय-जय बोलो
गंगा के नीर मैया कैसे चढ़ाय दूं
मछली ने लियो है जुठार, की जय-जय बोलो
मिठया के पेड़ा मैया कैसे चढ़ाय दूं।
चींटी ने लिये हैं जुठार की जय-जय बोलो
बगिया के फूल मैया कैसे चढ़ाय दूं
भौंरे ने लिये हैं जुठार, की जय-जय बोलो
घर की रसोई मैया कैसे चढ़ाय दूं
बालक ने लिये हैं जुठार, की जय-जय बोलो