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जय छत्तीसगढ़ भूईयाँ / प्रमोद सोनवानी 'पुष्प'

जय जुहार हो छत्तीसगढ़ भूईयाँ।
केलो नदी महतारी पखारे तोर पईयाँ।

धान के कटोरा हावस,
सबके दुःख मिटईया अस।
हावस दाई ते तो ओ,
सबके भूख मिटईया।

तोरे कोरा म दाई,
पाथन जीये के सहारा।
धन देवईया-यश देवईया,
हावस ते सुख देवईया।