जय जय श्री बालमुकुंदा । मैं हूं चरण चरण रजबंदा ॥ध्रु०॥
देवकीके घर जन्म लियो जद । छुट परे सब बंदा ॥ च०॥१॥
मथुरा त्यजे हरि गोकुल आये । नाम धरे जदुनंदा ॥ च०॥२॥
जमुनातीरपर कूद परोहै । फनपर नृत्यकरंदा ॥ च०॥३॥
सूरदास प्रभु तुमारे दरशनकु । तुमही आनंदकंदा ॥ च०॥४॥