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जय जवान / कविता कानन / रंजना वर्मा
Kavita Kosh से
नमन उन्हें
जिन्होंने
खून देकर अपना
आजाद किया देश को ।
नमन उन्हें
जो मानते थे
जन्मभूमि को
निज स्वार्थों से
बढ़ कर ।
नमन उन्हें
जिन्होंने
सिर दे कर
मान बचाया
स्वदेश का ।
नमन उन्हें
जिन्होंने
देश का धन
नहीं भेजा विदेश
माना देश को
सर्वश्रेष्ठ ।
रहे प्रज्ज्वलित
अमर ज्योति
बनी रहे
उनकी स्मृति
युगों तक ।
करतीं रहे हमें
उत्प्रेरित
देश के लिये
सर्वस्व
बलिदान कर देने की ।
शत शत नमन
जय जवान
जय मातृभूमि ।