भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

जय लक्ष्मी माता / आरती

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

अष्टक   ♦   आरतियाँ   ♦   चालीसा   ♦   भजन   ♦   प्रार्थनाएँ   ♦   श्लोक

   
ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता
तुम को निस दिन सेवत, मैयाजी को निस दिन सेवत
हर विष्णु विधाता।
ॐ जय लक्ष्मी माता॥

उमा रमा ब्रह्माणी, तुम ही जग माता
ओ मैया तुम ही जग माता।
सूर्य चन्द्र माँ ध्यावत, नारद ऋषि गाता
ॐ जय लक्ष्मी माता॥

दुर्गा रूप निरन्जनि, सुख सम्पति दाता
ओ मैया सुख सम्पति दाता।
जो कोई तुम को ध्यावत, ऋद्धि सिद्धि धन पाता
ॐ जय लक्ष्मी माता॥

तुम पाताल निवासिनि, तुम ही शुभ दाता
ओ मैया तुम ही शुभ दाता।
कर्म प्रभाव प्रकाशिनि, भव निधि की दाता
ॐ जय लक्ष्मी माता॥

जिस घर तुम रहती तहँ सब सद्गुण आता
ओ मैया सब सद्गुण आता।
सब संभव हो जाता, मन नहीं घबराता
ॐ जय लक्ष्मी माता॥

तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता
ओ मैया वस्त्र न कोई पाता।
खान पान का वैभव, सब तुम से आता
ॐ जय लक्ष्मी माता॥

शुभ गुण मंदिर सुंदर, क्षीरोदधि जाता
ओ मैया क्षीरोदधि जाता।
रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता
ॐ जय लक्ष्मी माता॥

महा लक्ष्मीजी की आरती, जो कोई जन गाता
ओ मैया जो कोई जन गाता।
उर आनंद समाता, पाप उतर जाता
ॐ जय लक्ष्मी माता॥