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जरूरी है / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
Kavita Kosh से
थोडी़ - सी छाँव
थोडी़- सी धूप।
थोडी़ - सा प्यार
थोडी़- सा रूप।
जीवन के लिए जरूरी है...
थोडा़ तकरार
थोड़ी मनुहार।
थोड़े -से शूल
अँजुरीभर फूल।
जीवन के लिए जरूरी है...
दो चार आँसू
थोड़ी मुस्कान।
थोड़ी - सा दर्द
थोड़े------- से गान।
जीवन के लिए जरूरी है...
उजली- सी भोर
सतरंगी शाम।
हाथों को काम
तन को आराम।
जीवन के लिए जरूरी है...
आँगन के पार
खुला हो द्वार।
अनाम पदचाप
तनिक इन्तजार।
जीवन के लिए जरूरी है...
निन्दा की धूल
उड़ा रहे मीत।
कभी कभी हार
कभी कभी जीत।