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जर्मनी / बैर्तोल्त ब्रेष्त / वीणा भाटिया

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दूसरों को ख़ुद बोलने दो
अपने दुर्भाग्यों के बारे में
मैं केवल अपने कलंक को गाऊँगा ।

ओ जर्मनी !
ओ निस्तेज माँ !
किस प्रकार कलुषित तुम
बैठी हो दूसरे देशों के बीच
अति दुर्भाग्यशाली देशों में
तुम सबसे आगे दिखाई देती हो ।

तुम्हारे बेटों में
सबसे अधिक निर्धन को
मार गिराया गया जब
उसे भूख से अधिक सताया
तेरे ही जनों ने
उसके विरुद्ध हाथ उठाए
यह बात तो सभी जानते हैं और ख्यात है ।

अपने भाई के विरुद्ध
इस तरह हाथ उठाकर
वे नंगे घूमते हैं निर्द्वन्द्व
तुम्हारे मुँह पर तुम्हारा उपहास करते ।
यह बात थी फैल चुकी
तुम्हारे घर में
चिल्लाकर बोले जाते हैं झूठ
और सत्य को चुप्पी साधनी होती है
ऐसा ही है न ... क्यों ...
हर ओर अत्याचारी क्यों
करते हैं तुम्हारी प्रशंसा
और दलित क्यों कोसते हैं तुम्हें
शोषित उठाते हैं उँगलियाँ किन्तु
शोषक इस तरीके की जयकार लगाते हैं
जो तुम्हारे घर का चलन है ।

और इस दौरान सब तुम्हें
देखते हैं अपना लहंगा छुपाते
जिसकी कोर
तुम्हारे ही लाड़ले के लहू से सनी है
जब
वे तुम्हारे घर के कलह का
उपहास करते हैं
किन्तु तुम्हें जो भी देखता है
चाकू थामे हुए
गोया किसी हत्यारिन को देखता है ।

ओ जर्मनी !
ओ निस्तेज माँ !
बेटों ने कैसी हालत बनाई तुम्हारी
कि दुनिया के बीच या तो
हँसी का पात्र हो
या किसी प्रकार की आशंका ...।

अँग्रेज़ी से अनुवाद : वीणा भाटिया