जलना पुस्तकों का / बैर्तोल्त ब्रेष्त / तनुज
एक दफ़ा एक क्रूर सत्ता
देती है आदेश :
"खतरनाक किताबों को
जला देना चाहिए
बीच चौराहे पर जनता के समक्ष
हर जगह।"
उसके बाद
बैलों को बलपूर्वक किया जाता है
मजबूर,
खींचने के लिए उन गाड़ियों को
जो भरी होती हैं किताबों से
ताकि ले जाया जा सकें इन्हें
उस श्मशान घाट की तरफ़
एक बूढ़ा कवि,
सबसे मशहूर,
घूरता है गुस्से से किताबों की उस सूची को
और जब पाता है भुला दी गई हैं
उस सूची में उसकी किताबें,
वह दौड़ता है
खीझ के पंख लगाकर तब
अपनी मेज़ की तरफ़ और लिखता है चिट्ठी
उस तानाशाह को :
जला डालो मुझे,
वह लिखता है उसे
अपनी काँपती हुई क़लम से,
जला डालो मुझे भी...
इस प्रकरण में मुझे
मत करो सम्मानित,
मुझे न छोड़ो अकेला
तो क्या मैंने अपनी किताबों में तुम्हें
तुम्हारी सच्चाई से रूबरू नहीं करवाया ?
और अब तुम मुझे किसी मक्कार की तरह
भुला रहे हो !
मैं आदेश देता हूँ तुमको,
जला डालो तुम मुझे भी
अभी,
इसी वक़्त !
अँग्रेज़ी से अनुवाद : तनुज