जलम भौम / कन्हैया लाल सेठिया
आ धरती गोरा धोरां री,
आ धरती मीठा मोरां री
ई धरती रो रूतबो ऊंचो,
आ बात कवै कूंचो कूंचो,
आं फोगां में निपज्या हीरा,
आं बांठां में नाची मीरा,
पत्रा री जामण आ सागण,
आ ही प्रताप री मा भागण,
दादू रैदास कथी बाणी,
पीथळ रै पाण रयो पाणी,
जौहर री जागी आग अठै,
रळ मिलग्या राग विराग अठै,
तलवार उगी रण खेतां में,
इतिहास मंडयोड़ा रेतां मंें,
बो सत रो सीरी आडावळ,
बा पत री साख भरै चंबळ,
चुड़ावत मांगी सैनाणी,
सिर काट दे दियो क्षत्राणी,
ई कूख जलमियो भामासा,
राणा री पूरी मन आसा,
बो जोधो दुरगादास जबर,
भिड़ लीन्ही दिल्ली स्यूं टक्कर,
जुग जुग में आगीवाण हुया,
घर गळी गांव घमसाण हुया,
पग पग पर जागी जोत अठै,
मरणै स्यूं मधरी मौत अठै,
रूं रूं में छतरयां देवळ है,
आ अमर जुझारां री थळ है,
हर एक खेजड़ै खेड़ां में
रोहीड़ा खींप कंकेड़ां में,
मारू री गूंजी राग अठै,
बलिदान हुया बेथाग अठै,
आ मायड़ संता शूरां री,
आ भौम बांकुरा वीरां री,
आ माटी मोठ मतीरां री
आ धूणी ध्यानी धीरां री,
आ साथण काचर बोरां री,
आ मरवण लूआं लोरां री,
आ धरती गोरै धोरां री
आ धरती मीठै मोरां री।