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जलाशय के / केदारनाथ अग्रवाल
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जलाशय के
सौन्दर्य की बंद हथेलियाँ
आज जब
मृणाल पर खुलीं
सूर्य ने
अलियों ने
तुमने
उन्हें चूमा
मैंने
तुम्हें चूमा