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जल आरो जीव / चन्द्रप्रकाश जगप्रिय
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के डालै कचरा छै जल में
बदली रहलै जल काजल में।
कल जे नदी कहावै छेलै
देखोॅ आय छै ऊ दलदल में।
जे खलखल रं बहतें रहलै
भौरा रं ऊ बन्द कमल में।
जों नद्दी ही कल नै होतै
जीव कहौं की दिखतै थल में?