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जल भर ले हिलोरें हिलोर रसरिया रेशम की / अवधी
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♦ रचनाकार: अज्ञात
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जल भर ले हिलोरें हिलोर रसरिया रेशम की
अरर जल भर ले हिलोरे हिलोर ----
रेशम की रसरी तब नीकी ल़ागे
सोने की गगरिया होय --रसरिया रेशम की
सोने की गगरी तब नीकी लागे
सुघड़ महरिया होय ---रसरिया रेशम की
सुघड़ महरिया तब नीकी लागे
साथे में छैला होय ---रसरिया रेशम की
साथे म छैला तब नीको लागे
गोदी म ललना होय --रसरिया रेशम की
सुघड़ महरिया तब नीकी लागे
सत् रंग चुनरी हा---रसरिया रेशम की
सतरंग चुनरी तब मीको लागे
मखमल का लहंगा होय ---रसरिया रेशम की
मखमल का लहंगा तब नीको लागे
सब अंग गहना होय ----रसरिया रेशम की