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जवानों का गीत / महेन्द्र भटनागर

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मिलाये क़दम से क़दम, गीत गाती,
बढ़ी जा रही है जवानों की टोली !

जवानों की टोली !

मनुज को बदलने, धरा को बदलने,
दमन की सभी शक्तियों को कुचलने,
जलाने असुर-राज की आज होली !
मिलाये क़दम से क़दम, गीत गाती,
बढ़ी जा रही है जवानों की टोली !

जवानों की टोली !

डगर में ज़रा भी न कोई रुका है,
प्रहारों के सम्मुख न कोई झुका है,
हिमालय-से सीने पै झेली है गोली !
मिलाये क़दम से क़दम, गीत गाती,
बढ़ी जा रही है जवानों की टोली !

जवानों की टोली !

इमारत नयी ये बनाने चले हैं,
कि खेतों में सोना उगाने चले हैं,
भरेंगे सताये गरीबों की झोली !
मिलाये क़दम से क़दम, गीत गाती,
बढ़ी जा रही है जवानों की टोली !

जवानों की टोली !

सबेरा हुआ है, अँधेरा मिटा है,
कि आँखों के आगे से परदा हटा है,
बिखरती गगन में नयी आज रोली !
मिलाये क़दम से क़दम, गीत गाती,
बढ़ी जा रही है जवानों की टोली !

जवानों की टोली !

बरस कर घने बादलों से धरा पर,
करोड़ों सबल मुक्त हाथों से मल कर,
युगों की पुती कालिमा सख़्त धो ली !
मिलाये क़दम से क़दम, गीत गाती,
बढ़ी जा रही है जवानों की टोली !

जवानों की टोली !