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जवान हो रही लड़की - तीन / कमलेश्वर साहू
Kavita Kosh से
पहले हथेली में ख्वाब सजाती है
फिर सोचती है
दुनिया के बारे में
दुनिया की खूबसूरती के बारे में
और अंत में जब
थक जाती है सोचते सोचते
कहती है अपने आप से
दुनिया
मुझसे ज्यादा खूबसूरत नहीं
संभवतः सच कहती है
हथेली में ख्वाब सजाकर
सोचने वाली लड़की
पड़ोस में रहने वाले लड़के ने
लिखा भी था
एक बार
चोरी-छिपे दिये अपने प्रेम पत्र में
और नाराज हो गई थी वह
उस पर
उस वक्त !