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जवान हो रही लड़की - दो / कमलेश्वर साहू
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घर में
वक्त बेवक्त
मचने वाला शोर
गूंजने वाली किलकारी
खनकने वाली हंसी
महकने वाली खुशी
होती जा रही है कम
धीरे धीरे
धीरे धीरे
बढ़ता जा रहा है सन्नाटा
पसरती जा रही है खामोशी
जवान हो रही है लड़की
धीरे धीरे
घर में !