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जशोदा तेरो लाल री वशी मे देवे गारी / बुन्देली

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   ♦   रचनाकार: अज्ञात

जशोदा तेरो लाल री वंशी में देवे गारी।
जब हम जावें नीर भरन खों, रोके गैल हमारी।
जशोदा...
जब हम जावें दही बेंचन खों, मांगे दान मुरारी।
जशोदा...
जब हम जावें जल भरने खों, फोरे गगर हमारी।
जशोदा...
वाके गुण में कहा सुनाऊं, लाज लगत है भारी।
जशोदा...
तुम बरजो अपने कान्हा खों, न तो तजिहैं पुरी तिहारी।
जशोदा...