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जहाँ पर मौत रहै छै / धीरज पंडित
Kavita Kosh से
पिस्तौल सटैला सेॅ
मौत झलकेॅ लागै छै
कोय देखेॅ लगै छै
कोय हह्रअ लगै छै
कोय ससरेॅ लगै छै
कैन्हेॅ
कैन्हेॅ कि मौत सेॅ डर लगै छै
आपनऽ आप को बचावै लेली
दोसरा के कौनेॅ सोचै छै
प्रशासन भी बोलै छै
अपना के बचैला के बाद
रस्ता करै छै साफ
कोय कुछ नय, करेॅ पारै छै
जहाँ पर मौत रहै छै