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ज़रा सी जगह / दिनेश कुमार शुक्ल
Kavita Kosh से
बाढ़ से घिरी
डेढ़ हाथ सूखी धरती पर
आ जुटती है पूरी दुनिया
दो अंगुल भर कागज पर ही
दस हज़ार बरसों की कविता
लिखी हुई है