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ज़हरीले धर्म / संजय शेफर्ड

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हथियार बदल रहे हैं
हमें मारने के तरीके भी
मुझे पता है
कुछ दिन बाद मेरे घर पर
धार्मिक स्वालम्बियों के भेष में
आक्रमणकारी आएंगे
उनके हाथों में
गोली, बारूद, बंदूके नहीं
कुरान, हबीब
गीता, वेद
गुरुग्रंथ साहिब
और बाइबिल जैसे ग्रंथ होंगे
वह हमें मारेंगे
धमकाएंगे
हमारी बीबी और बच्चों के सामने
हमें ज़लील करेंगे
क्योंकि हम लिखते हैं
और वह हमारे लेखन से डरते हैं
वह हमें कराएंगे
हमारी ज़ुबान से
अपने अपने
वेदों का उच्चारण
पढ़ाएंगे क़ुरान की आयतें,
गुरुग्रंथ साहिब
और बाइबिल का हवाला देंगे
मैं जानता हूं
वह आएंगे जरूर
कहेंगे तुम धर्मी बनो
नहीं मानने की स्तिथि में
हम पर सामूहिक रूप से
फेकेंगे ईंट और पत्थर
और फिर ईसा मसीह की तरह
हमें भी क्रूस पर लटका देंगे
मुझे पता है
जिसमें भी ईश्वरीय गुण है
वह एक दिन मारा जायेगा
जो भी सृजन करेगा
उसके सृजन को ही नहीं
उसकी किताबों
उसके घर को भी
एक ही झटके में जला दिया जायेगा
फिर भी मरी हुई आग
और राख शेष रहेगी
और कुछ जिन्दा हाथ भी
जो लिखने और
कटने के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं।