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ज़हर उतरने में थोड़ा-सा वक़्त लगेगा / डी. एम. मिश्र
Kavita Kosh से
ज़हर उतरने में थोड़ा-सा वक़्त लगेगा
रंग बदलनें में थोड़ा-सा वक़्त लगेगा
पहली बार गिरा हूँ यारो ग़श खाकर
मुझे सँभलने में थोड़ा-सा वक़्त लगेगा
जख़्म हमारा अभी तो बिल्कुल नया-नया है
इसको भरने में थोड़ा-सा वक़्त लगेगा
इतनी जल्दी क्यों फ़ैसला सुना दूँ अपना
कुछ भी कहने में थोड़ा-सा वक़्त लगेगा
अभी- अभी तो गये यहाँ से हैं बनजारे
शहर ये बसने में थोड़ा-सा वक़्त लगेगा
इतनी बेरहमी से तूने घर तोड़ा है
फिर से बनने में थोड़ा-सा वक़्त लगेगा