भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

ज़हर बीमार को मुर्दे को दवा दी जाए / दिलावर 'फ़िगार'

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

ज़हर बीमार को मुर्दे को दवा दी जाए
है यही रस्म तो ये रस्म उठा दी जाए

वस्ल की रात जो महबूब कहे गुड नाईट
क़ाइदा ये है के इंग्लिश में दुआ दी जाए

आज जलसे हैं बहुत शर में लीडर कम हैं
एहतियातन मुझे तक़रीर रटा दी जाए

मार खाने से मुझे आर नहीं है लेकिन
पिट चुकूँ में तो कोई वजह बता दी जाए

मेरी वहशत की ख़बर घर को हुई है जब से
छत ये कहती है दीवार हटा दी जाए

बस में बैठी है मेरे पास जो इक ज़ोहरा-जबीं
मर्द निकलेगी अगर जुल्फ़ मुंडा दी जाए