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ज़िंदा पूजा / इमरोज़ / हरकीरत हकीर
Kavita Kosh से
फूल टूटा और फूल मर गया
सब जानते हैं
और नहीं भी जानते
एक दिन
मैंने को पूछा
टूटे बाजारी फूलों के साथ
किसी ज़िंदा की पूजा हो सकती है ?
भगवान ने हँस कर कहा
तुमने देखा होगा
मंदिर में और कहीं भी
टूटे बाजारी फूलों से
पूजा होती है और हो रही है
वहां मैं पत्थर का हो जाता हूँ
न कुछ सुनता हूँ न कुछ बोलता हूँ
न देखता हूँ
और जो खुद फूल बनकर
मेरी पूजा करता है
वहां मैं बुत नहीं बनता
वहां मैं महक - महक
पूजा करने वाले को देखता भी हूँ
और सुनता भी हूँ