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ज़िन्दगी इन दिनों उदास कहाँ / रमेश 'कँवल'
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ज़िन्दगी इन दिनों उदास कहॉ
तुझ से मिलने की दिल में आस कहॉ
मौसमों में गुलों की बास कहॉ
मुफ़्लिसी मेरी ख़ुश लिबास कहॉ
लान से फूल पत्तियां ओझल
तेरी यादों की नर्म घास कहॉ
रतजगा फूल तारे चांदहवा
नींद बिस्तर के आस पास कहां
मंदिरों में निराश उम्मीदें
देवियां फिर भी हैं उदास कहां
ताज़गी अब कहां तेरे लब पर
मेरी आंखों में कोई प्यास कहां
ख़ुशबुओं का पता तो आसां है
परहवा है ‘कँवल' के पास कहां