ज़िन्दगी का प्यार / शमशेर बहादुर सिंह
स्नेह-लताओं पर चिथड़े हैं लटके
विगत प्रेमियों के!
... अजब सरूर
मृत्यु की बाँहों में; अजब गरूर
जीवन की झुकती आँखों में।
मुझसे दूर
उसका वक्षस्थल।
...खून गे आगोश में
वह हमकनार,
जिंदगी का प्यार।
होश में सँभल कर
फिर गिरा
मर्माहत आदर्शों के स्थल पर
अस्थिर मैं, तम-घिरा।
आपने अच्छा किया
जो मुझे आने दिया
दर्द के तूफान में
जान या अनजान में,
मामजेल साफिया ! ...
- खून के आगोश में
हमकनार
जिंदगी का प्यार।