कंधे पर
सूर्य को बिठाए
डूबता-असहाय क्षितिज !
अहिल्या चट्टानों पर
पागल अजगर-सा
सिर पटकता
अथाह समुद्र !
तट पर खड़ई
मायूस सुबह
डैनों में
आकाश बाँध कर भागती-
चील को निहार रही है....!
(1963)
कंधे पर
सूर्य को बिठाए
डूबता-असहाय क्षितिज !
अहिल्या चट्टानों पर
पागल अजगर-सा
सिर पटकता
अथाह समुद्र !
तट पर खड़ई
मायूस सुबह
डैनों में
आकाश बाँध कर भागती-
चील को निहार रही है....!
(1963)