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ज़ेनिया एक-13 / एयूजेनिओ मोंताले
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छुटपन में ही चल बसा तुम्हारा भाई,
अंडाकार गोल तस्वीर में, मेरी ओर ताकती,
घुँघराली लटों वाली वह नन्हीं लड़की, तुम थीं ।
उसने संगीत रचा, जो न प्रकाशित हुआ
न सुना ही गया, अब दबा पड़ा होगा किसी बक्से में,
या गल-सड़ गया होगा ।
अगर कोई लिखी गई चीज़ लिख गई है
तो मुमकिन है, अनजाने में कोई उसे अब फिर लिख रहा हो !
मैं उसे, कभी न जानते होने के बावजूद, प्यार करता था ।
तुम्हारे सिवा किसी ने उसे याद नहीं किया ।
मैंने किसी से कोई पूछताछ नहीं की,
अब इसका कोई मतलब भी नहीं ।
अकेला मैं ही बचा था तुम्हारे बाद, जिसके लिए वह कभी था,
लेकिन तुम जानती हो, स्वयं में छायाएँ होने के कारण
हम किसी छाया को प्यार कर सकते हैं ।
अँग्रेज़ी से अनुवाद : सुरेश सलिल