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जां से बढ़कर है आन भारत की / महावीर उत्तरांचली

जां से बढ़कर है आन भारत की
कुल जमा दास्तान भारत की

सोच ज़िंदा है और ताज़ादम
नौ'जवां है कमान भारत की

देश का ही नमक मिरे भीतर
बोलता हूँ ज़बान भारत की

क़द्र करता है सबकी हिन्दोस्तां
पीढियाँ हैं महान भारत की

सुर्खरू आज तक है दुनिया में
आन-बान और शान भारत की