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जाकी खूबखूबी खूब खूबन की खूबी यहाँ / ग्वाल

जाकी खूबखूबी खूब खूबन की खूबी यहाँ,
            ताकी खूबखूबी खूबखूबी नभ गाहना.
जाकी बदजाती बदजाती यहाँ चारन में,
            ताकी बदजाती बदजाती ह्वाँ उराहना.
ग्वाल कवि वे ही परसिद्ध सिद्ध जो है जग,
            वे ही परसिद्ध ताकी यहाँ ह्वाँ सराहना.
जाकी यहाँ चाहना है ताकी वहाँ चाहना है,
            जाकी यहाँ चाह ना है ताकी वहाँ चाह ना.