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जाड़ा भूल गया है / ऊलाव हाउगे
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जाड़ा सफ़ेद गायों को
पर्वत पर भूल गया है
जहाँ वे हरी ढलानों पर चरती हैं।
लेकिन वसन्त का सूरज
और घास बहुत बलवान हैं
हर एक दिन गायें
पतली होती जा रही हैं।
अंग्रेज़ी से अनुवाद : रुस्तम सिंह