कोहरे के कम्बल ओढ़े
जाड़े के मौसम आया॥
सूरज को ठंड लग गयी
किरणों ने शाल उढ़ाया॥
चूँ चूँ-चूँ कर चिड़ियों ने
ठंढक का गीत सुनाया॥
रातें हैं भीगी भीगी
तारों ने प्यार लुटाया॥
कोहरे के कम्बल ओढ़े
जाड़े के मौसम आया॥
सूरज को ठंड लग गयी
किरणों ने शाल उढ़ाया॥
चूँ चूँ-चूँ कर चिड़ियों ने
ठंढक का गीत सुनाया॥
रातें हैं भीगी भीगी
तारों ने प्यार लुटाया॥