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जादू / निज़ार क़ब्बानी
Kavita Kosh से
दुनिया भर के बच्चों को
सिखला दिया है मैंने
तुम्हारे नाम का उच्चारण
और चेरी के वृक्ष में
परिवर्तित हो गए हैं उनके होंठ ।
मैंने हवा से कहा
कि वह कंघी फेर दे
तुम्हारे घने काले बालों में
उसने मना कर दिया
और कहा :
वक्त बहुत कम है
और बहुत... बहुत लम्बे हैं तुम्हारे बाल ।
अँग्रेज़ी से अनुवाद : सिद्धेश्वर सिंह