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जानी-जानी / सुधीर कुमार 'प्रोग्रामर'
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बात बनाबै जानी-जानी।
देह तनाबै जानी-जानी।
घाव तनीठो फुसरी नांकी
मतर कनाबै जानी-जानी।
गाँव सजाबै लेॅ मैया के
गीत सुनाबै जानी-जानी।
गाछ लगैलो छै बापोॅ केॅ
पूत भनाबै जानी-जानी।
लोग किबाड़ी तक नय आबै
कूप खनाबै जानी-जानी।