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जाने किसके साथ तुम रहती हो / आनंद खत्री
Kavita Kosh से
जिसके साथ तुम रहती हो
वो कुछ कुछ मेरे जैसा है
जिसको चाहती हो दिलो जान से
और हर दिनों-दोपहर जिसके करीब
बीत रहे हैं हर मौसम
जो तुमको अच्छा लगता है
वो कुछ कुछ मेरे जैसा है।
कहीं पर हम दोनों एक से थे
वो तुम्हारे साथ चला गया
मुझको भी एक बेनाम कि छत है।
मिलता नहीं है अब मुझसे वो
जो कुछ कुछ मेरे जैसा है
तुम्हारे प्यार में वो खोया है
जो कुछ कुछ मेरे जैसा है।