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जाने दे जमुना पानी लोॅ मोहन / अंगिका लोकगीत
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♦ रचनाकार: अज्ञात
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जाने दे रे, जाने दे जमुना पानी लोॅ मोहन जाने दे रे
अरे हाँ हाँ रे मोहन जाने दे
अरे हाँ हाँ रे मोहन जाने दे
जाने दे रे, जाने दे जमुना पानी लोॅ मोहन जाने दे रे
सिर पर केस, केस पर चुनर, चुनर पर गरुर,
गरुर पर घड़ा, घड़ा बिच पानी
चाल चले मतवाली रे मोहन जाने दे रे
जाने दे रे, जाने दे जमुना पानी लोॅ मोहन जाने दे रे
रिमझिम रिमझिम बूँद पड़त है आँगन पड़ गए कादो
पैर फिसल गए, कमर लचक गए, घड़ा गए
सास कहे अलबेली रे मोहन जाने दे रे
जाने दे रे, जाने दे जमुना पानी लोॅ मोहन जाने दे रे