जान अपनी दे कर भी ज़िंदगी कमा लाया
पत्थरों की बारिश से आईना बचा लाया
एक-इक ख़ुशी दे दी संग दिल ज़माने को
बच रहे थे ग़म उनको मेरा दिल उठा लाया
ज़िंदगी ने हँस-हँस के देखा ये तमाशा भी
लोग आँधियाँ लाए और मैं दिया लाया
आ गया था थाली में स्नेह सारी दुनिया का
मेरा भाई जब खाना माँ के हाथ का लाया
ज़िन्दगी के मेले में मन भटक गया `हस्ती'
क्या हमें दिखाना था क्या हमें दिखा लाया