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जापान : दो तस्वीरें- 2 / मंगलेश डबराल
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(सूनामी की तस्वीरें देखने के बाद)
शरणार्थी कैंप में बच्चों की तस्वीरें धोई जा रही हैं
ताकि यह पहचाना जा सके कि वे कौन थे
उन्हें धोनेवाले सावधानी से तस्वीरों का कीचड़ मिटा रहे हैं
उनका 8.9 रिश्टर पैमाने का भूकंप भगा रहे हैं
उनकी 20 मीटर ऊंची सूनामी लहरों को पोंछ रहे हैं
उनके 7 स्तर के विकिरण को मिटा रहे हैं
दीवार बेशुमार तस्वीरों से भर गयी है
उन बच्चों की जो खो चुके हैं
उनकी याद को धो-पोंछ कर दीवार पर टांका जा रहा है
नाजुक हाइकू जैसे शिशु जो अब कही नहीं हैं
पुराने हाइकू जैसा एक बूढ़ा एक तालाब पर
देर तक प्रार्थना करता हुआ सा झुका रहता है
उस गहराई में जहां अब पानी नहीं बचा है।