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जामुन काले / सुरेश विमल

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काले जामुन काले-काले जी
रस के जैसे प्याले जी।

मीठे मीठे ताजे ताजे
हरे बगीचे वाले जी

एक-एक कर पके-पके
चुनचुन डलिया में डाले जी

खा लो खा लो भैया दीदी
खोलो मुंह के ताले जी

अपने रंग में रंग डाले
यह जामुन बड़े निराले जी

ठंडा कर लो इन्हें खबरों में
डालो ज़रा मसाले जी।