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जिज्ञासा / भारत यायावर
Kavita Kosh से
मेरी आत्मा और देह के बीच
क्या है जो अनश्वर है?
कुछ शब्द,कुछ ध्वनियाँ
एक मन और इंद्रियाँ
भोलापन और दुष्टताएँ
सदिच्छाएँ या कुप्रवृत्तियाँ
क्या है जो अनश्वर है?
वैराग्य या मोह
भाव या अभाव
प्यार या घृणा
क्या है जो अनश्वर है?
हमारे भीतर पलती है जिज्ञासा
वह हमें दूर तक ले जाती है
वह हमें जटिलताओं से जूझना सिखाती है
समस्याएँ सुलझाती है
और जब
सब कुछ शान्त होता है
तब भी पलती रहती है जिज्ञासा
(रचनाकाल: 1994)