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जितना चिल्लात है उतना चोटान थोड़े है / रफ़ीक शादानी
Kavita Kosh से
तू जेतना समझत हौ ओतना महान थोड़े है
ख़ान तो लिखत हैं लेकिन पठान थोड़े है
मार-मार के हमसे बयान करवाईस
ईमानदारी से हमरा बयान थोड़े है
देखो आबादी मा तो चीन का पिछाड़ दिहिस
हमरे देस का किसान मरियल थोड़े है
हम ई मानित है मोहब्बत में चोट खाईस है
जितना चिल्लात है ओतना चोटान थोड़े है
ऊ छत पे खेल रही फुलझड़ी पटाखा से
हमरे छप्पर के ओर उनका ध्यान थोड़े है
चुनाव आवा तब देख परे नेताजी
तोहरे वादे का जनता भुलान थोड़े है
"रफ़ीक" मेकप औ' मेंहदी के ई कमाल है सब
तू जेतना समझत हौ ओतनी जवान थोड़े है.