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जितने दिन ख़ुश रह सकें ग़लतफ़हमी में / हेमन्त शेष

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जितने दिन
ख़ुश रह सकें ग़लतफ़हमी में
घर के बच्चे
बेहतर
उम्र बहुत जल्द उनकी हँसी छीन लेगी
तब अपने बच्चों के
बारे में इसी ग़लतफ़हमी में रहने
की प्रार्थना
वे भी कुछ इसी तरह
हर खिन्नता में ख़ुश रह कर करेंगे।