भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
जिन्दगी के शेष दिन / कमलेश्वर साहू
Kavita Kosh से
उसने
एक बेहद खूबसूरत लड़की से प्रेम किया
जिया एक अच्छा प्रेमी बनकर
अपनी जवानी के स्वर्णिम दिन गुजारे
उसने
परिवार की मर्जी से
एक सुन्दर लड़की से विवाह किया
रहा अच्छा पति बनकर
किया पति का फर्ज अदा
दहेज के पैसे से बनवाया मकान
अपनी जिन्दगी के अच्छे दिन बिताए
प्रेमिका अच्छी थी या पत्नी
प्रेम के दिन अच्छे थे
या विवाह के बाद के दिन
उसकी जिन्दगी के शेष दिन
यही तय करने में बीत रहे हैं !