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जिसका जैसा भी चाहो किरदार लिखो / सूरज राय 'सूरज'

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जिसका जैसा भी चाहो किरदार लिखो।
सबसे अच्छा धंधा है अख़बार लिखो॥

जिस बच्चे ने मारा पत्थर ज़ालिम को
उस बच्चे को बस्ती का सरदार लिखो॥

प्यार वफ़ा ईमाँ ज़मीर रिश्ते यारी
रस्मों से बाहर हैं सब बेकार लिखो॥

प्यार अगर है मुझसे तो कैसी शर्तें
जैसा हूँ वैसा मुझको स्वीकार लिखो॥

हम मिट्टी हैं मिल जाना है मिट्टी में
मिट्टी से मिट्टी की जय-जयकार लिखो॥

लाखों सर तुम ले लो पैरों की ख़ातिर
बस मेरे हिस्से में कांधे चार लिखो॥

फूलों के गालों पर तुमने शेर लिखे
 "सूरज" के तलवों पर भी अशआर लिखो॥