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जिस्म की भूख कहें या हवस का ज्वार कहें / अदम गोंडवी
Kavita Kosh से
जिस्म की भूख कहें या हवस का ज्वार कहें ।
सतही जज़्बे को मुनासिब नहीं है प्यार कहें ।
बारहा <ref>अक्सर, प्राय:</ref> फ़र्द<ref>व्यक्ति, एक आदमी</ref> की अज़्मत<ref>श्रेष्ठता, महानता</ref> ने जिसे मोड़ दिया,
हम भला कैसे उसे वक़्त की रफ़्तार कहें ।
जलते इन्सान की बदबू से हवा बोझल है,
फिर भी इसरार<ref>हठ, आग्रह</ref> है मौसम को ख़ुशगवार कहें ।
आर्मस्ट्राँग तो कहता है चाँद पत्थर है,
दौरे-हाज़िर<ref>वर्तमान समय में</ref> में किसे हुस्न का मेयार<ref>मानक, मापदण्ड</ref> कहें ।
शब्दार्थ
<references/>