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जिस समय से दिल लगाना आ गया / बाबा बैद्यनाथ झा

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जिस समय से दिल लगाना आ गया
प्यार का मौसम सुहाना आ गया

बाग़ में कलियाँ बुलातीं हैं मुझे
इस भ्रमर को गुनगनाना आ गया

मुस्कुराते आप भी अब खूब हैं
आपको भी दिल चुराना आ गया

बात करती हैं मगर मुँह फेरकर
यह अदा क़ातिल दिखाना आ गया

थाम लें अब हाथ बाबा का अगर
साथ जीवन भर निभाना आ गया