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जीजी रलमिल गुड़ियां खेलती तूं चाली जीजा के साथ / हरियाणवी
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हरियाणवी लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
जीजी रलमिल गुड़ियां खेलती तूं चाली जीजा के साथ
बाहण चाली सासरे।
जीजा सुसरा का कहा मत गेरिये सुसरा धरम का बाप
बाहण चाली सासरे।
जीजी सासू का कहा मत गेरिये सासू धरम की मां
बाहण चाली सासरे।
जीजी जीजा का कहा मत गेरिये कटैं तेरे दिन रात
बाहण चाली सासरे।
देवर संग का सुहेलड़ा जैसे धरम का बीर
बाहण चाली सासरे।