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जीने की राह / रंजना जायसवाल
Kavita Kosh से
अस्पताल में
कहीं थोड़ी हँसी
थकी मुस्कुराहटें हैं
जो कराहों
और आंसुओं के बीच
चमक जाती हैं
जीने की चाह लिए