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जीने के बारे में / नाज़िम हिक़मत / विनोद दास

एक

ज़िन्दगी जीना कोई हंसी -ठिठोली नहीं
तुम्हें बेहद संजीदगी के साथ जीना चाहिए
मसलन जैसे जीती है गिलहरी
मेरा मतलब है ज़िन्दगी से कुछ परे और ऊपर
मतलब कि ज़िन्दगी जीना एक भरा-पूरा काम होना चाहिए

ज़िन्दगी जीना कोई हंसी -ठिठोली नहीं
तुम्हें बेहद संजीदगी से इसे लेना चाहिए
इतनी गम्भीरता के साथ
और इस हद तक
कि चाहे तुम्हारे हाथ पीठ पर बंधे हों
और तुम्हारी पीठ दीवार से सटी हो
या चाहे सफ़ेद कोट और सुरक्षित चश्मों में
तुम कहीं किसी प्रयोगशाला में भी हो
तुम अपनी जान दे सको उन लोगों के लिए
जिनके चेहरे भी तुमने कभी नहीं देखे
अगरचे तुम जानते हो
कि ज़िन्दगी सबसे बड़ी सचाई और खूबसूरत शै है ।

मेरा आशय यह है कि ज़िन्दगी को तुम्हें इतनी ही संजीदगी से लेना चाहिए
कि सत्तर साल की उम्र में तुम्हें जैतून का पौधा रोपना चाहिए
सिर्फ अपनी औलादों के लिए नहीं
बल्कि इसलिए भी कि मौत से डरने के बावजूद
तुम उस पर यक़ीन नहीं करते
और ज़िन्दगी मेरे ख़्याल से मौत पर भारी है ।

दो

फर्ज़ करो हम बेहद बीमार हैं और ऑपरेशन होना है
कह नहीं सकते कि उस सफ़ेद मेज़ से उठ पाएँगे या नहीं
हालाँकि यह नामुमकिन है कि थोड़ा जल्दी ऊपर उठ जाने को लेकर
हम ग़मगीन न हो जाएँ
फिर भी लतीफ़े सुनते हुए हम हंसेंगे
हम खिड़की से बाहर झाँक कर देखेंगे कि कहीं बारिश तो नहीं हो रही
या बेसब्री से करेंगे इन्तज़ार
ताज़ा खबरों की बुलेटिन का

मान लीजिए लड़ने लायक किसी चीज़ के लिए
हम मोर्चे पर डटे हैं
और उसी रोज़ पहले हमले में
हम औंधे मुँह गिर जाएँ — मुर्दे सा
बेतरह गुस्से से भरे हम यह सब जानते होंगे
फिर भी हम अपनों की मौत
और जंग के नतीज़ों की बाबत फ़िक्र में सूखते ही रहेंगें
जो जंग चलती रह सकती है बरस दर बरस

फर्ज़ कीजिए पचास साल की उम्र के इर्द - गिर्द
हम क़ैदखाने में हैं
और उसके लोहे के फाटक को खुलने में
अभी अठारह साल और बाक़ी हैं
फिर भी हमें ज़िन्दगी जीनी होगी
बाहरी दुनिया के लोगों, जानवरों, संघर्षों और हवाओं के साथ
मेरा मतलब दीवारों के उस तरफ़ दुनिया के साथ जीने से है

कहने का मतलब सिर्फ़ इतना है
कि हम कैसे और कहीं भी हों
हमें ज़िन्दगी ऐसे जीनी चाहिए गोया हम कभी मरेंगे ही नहीं.

तीन

नक्षत्रों में से एक नक्षत्र और सबसे अदना नक्षत्र
यह धरती
एक रोज़ ठण्डी हो जाएगी
धरती जो नीले मखमल पर एक सुनहरे बूटे - सी तैर रही है

मेरे ख़याल से यही है हमारी महान धरती
यह धरती एक दिन ठण्डी हो जाएगी
न तो बर्फ़ की सिल्ली की तरह
और न ही बेजान बादल की तरह
बल्कि घुप्प काले अन्तरिक्ष में
एक फोके (खोखले) अखरोट की तरह लुढ़क जाएगी
इसके लिए तुम्हें अभी इसी दम मातम मनाना होगा
इसी दम दुख को महसूस करना होगा
बहरहाल इस दुनिया से तुमको बेइन्तिहा मोहब्बत करनी होगी
अगरचे तुम कहना चाहते हो
कि “मैंने ज़िन्दगी जी है”

अँग्रेज़ी से अनुवाद : विनोद दास